6 मई 2013 देश भर के लाखों लोग बसों से सवार होकर लखनऊ के एक बाहरी इलाके में इकट्ठा हो रहे थे करीब सुबह के 10:00 बजे थे और एक बहुत बड़ी भीड़ बड़े से मैदान में रुकी हुई थी यह मैदान 30 फुटबॉल ग्राउंड से भी ज्यादा बड़ा था कड़ी धूप में खड़े यह सारे लोग बस एक ही इंसान को देखने के लिए उत्सुक थे तभी वहां लगे लाउड स्पीकर्स पर अनाउंसमेंट होता है कि दुनिया.

के सबसे बड़े परिवार द गार्डन ऑफ वर्ल्ड्स लार्जेस्ट फैमिली माननीय सारा श्री सरबतो राय तशरीफ ला रहे हैं मैदान में लाखों लोग एक ही कपड़े पहने हुए थे सब मिलकर एक ही एनर्जी के साथ भारत माता की जय भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू करते हैं और फिर स्टेज पर सुब्रत रॉय आते हैं जो लोगों के प्यार को देखकर भावुक होकर खुद भी जोर-जोर से भारत माता की जय चलाने लगते हैं उस दिन.

खुले आसमान के नीचे 1 2653 लोगों ने मिलकर देश का राष्ट्रीय गान गाया जो आज भी गिनिश बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इंडिया के सुब्रत राय की कंपनी सारा के नाम लिखा है मुझे नहीं लगता कि भारत के लोगों को सारा कंपनी के बारे में बताने की जरूरत है क्योंकि सन 2000 2004 में भारत के हर 17 आदमियों में से एक आदमी इस कंपनी का डिपॉजिटर था मतलब इंडिया में आप 17 लोग.

देख रहे हो उसमें से एक आदमी ने इस कंपनी में पैसा डाला था और अगर इस कंपनी के एंप्लॉयमेंट की बात करें तो इंडिया में इंडियन रेलवे के पास में लार्जेस्ट एंप्लॉयमेंट है एंड सेकंड लार्जेस्ट एंप्लॉयमेंट सारा के पास था 11 से 12 लाख लोग इस कंपनी से अपना घर चलाते थे 1991 में सुब्रत रॉय ने एयरलाइंस की कंपनी खरीदी और उसको एयर सारा का नाम दिया 2001.

से 2013 तक सारा इंडिया क्रिकेट टीम को स्पंस करता था सन 2000 में सारा ने अपना टीवी नेटवर्क लॉन्च किया था सारा वन नाम से जिस पर घर एक सपना बुनियाद शुभ मंगल सावधान जैसे सारे फेमस शो आते थे 2003 में सारा ने अपना पहला न्यूज़ चैनल सारा समय शुरू किया था 2011 में सुब्रत रॉय ने आईएल की पुणे वॉरियर की टीम खरीद ली थी सुब्रत रॉय ने न्यूयॉर्क की आइकॉनिक बिल्डिंग द.

प्लाज होटल का 75 स्टेक होल्ड करके रखा था ये होटल इन्होंने 00 मिलियन डॉलर में खरीदा था रुपीज में 4500 करोड़ से भी ज्यादा होता है अब आप समझ सकते हो सारा के मालिक सुब्रत रॉय कितने अमीर थे लेकिन ये कैसे इतने बड़े आदमी बन गए और कहां से इन्होंने सब कुछ शुरू किया तो आइए डिटेल्स में पूरी कहानी जानते हैं कि लटर स्कूटर से चिप्स पापड़ बेचने वाला इतनी बड़ी.

कंपनी खड़ी करके 25000 करोड़ का स्कैम कैसे करता है सुब्रत रॉय ने गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टिट्यूट से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करी थी लेकिन जॉब ना मिलने की वजह से यह पैसे कमाने के लिए अपनी रेटा स्कूटर से जया प्रोडक्ट्स के नाम से चिप्स स्नैक्स पापड़ वगैरह बेचने का काम कर रहे थे भागदौड़ करके खून पसीने वाली कमाई करने वाले एक आम मिडिल क्लास जिंदगी जीने वाले.

इंसान थे ये लेकिन जब ये अपनी स्कूटर से दुकानदारों के पास ठेले वालों के पास और घर-घर जाकर जिप्स पीछ करते थे तब इन्होंने एक चीज नोटिस की कि लोगों के पास में पैसे बचाने का कोई साधन नहीं है लोग चाहते तो है सेविंग करना सोचते भी है इसके बारे में लेकिन कर नहीं पाते तो सुब्रत राय के दिमाग में एक आईडिया आया कि कुछ ऐसा शुरू किया जाए जिससे लोगों को पैसा बचाना आ जाए.

चिप्स पापड़ बेचते बेचते इनके लोकल मार्केट में कुछ कांटेक्ट भी बन गए थे मतलब आसपास के लोग इनको जानते थे तो यही सोच के 1978 में सुब्रत और राय ने दो लोगों के साथ में मिलकर ₹2000000 सुब्रत रॉय ने उनको तीन महीने में डबल करके उन्हें रिटर्न कर दिया कुछ समय तक ऐसा ही चलता रहा लेकिन धीरे-धीरे बात फैलती गई और फिर ऐसा होने लगा कि एक.

आम आदमी अगर दिन का ₹1 कमाता है तो वो ₹ सहारा के पास में जमा कर देता था लेकिन सवाल यह है कि सुब्रत रॉय ती महीने में किसी का भी पैसा डबल कैसे कर पा रहे थे चलो मैं आपको बताता हूं मान लो सुब्रत राय ने 1 जनवरी को किसी से ती महीने के लिए ₹5000000 का 1000 करके देना है 1 अप्रैल को तो वो 1 अप्रैल से एक दो दिन पहले ही किसी दूसरे.

से 00 रपए ती महीने के लिए जमा करवा लेते थे और यही पैसा पहले वाले बंदे के डिपॉजिट में मिलाकर उसको डबल करके रिटर्न कर देते थे और जब दूसरे वाले का ती महीने का पीरियड खत्म होने वाला होता था तो किसी तीसरे से पैसा लेते थे ऐसे ही रोटेशन चलता रहता था इसी तरह करते-करते सुब्रत रॉय ने लोगों का विश्वास जीतना शुरू कर दिया जिसके बाद बहुत तेजी से सुब्रत राय की.

कंपनी सहारा बढ़ने लगती है लाखों लोग सहारा से जुड़ने लगते हैं सुब्रत राय अपने इन्वेस्टर्स को ही एजेंट बनाते थे ये कहते थे कि अगर तुम और लोगों से सहारा में इन्वेस्ट करवा पाते हो तो तुम्हें उस उसका कमीशन मिलेगा जो कि नेटवर्क मार्केटिंग में भी होता है इससे हर एक इन्वेस्टर अपना अमाउंट डबल होने के बाद में पांच या 10 लोगों को सारा में इन्वेस्ट करने के लिए.

रेफर करने लगा ऐसे करते-करते उनके पास बहुत से एजेंट्स हो गए और ये एजेंट्स सैलरी पर नहीं सिर्फ कमीशन पर काम कर रहे थे सुब्रत रॉय अपने सभी इन्वेस्टर्स और एजेंट्स को बोलते थे कि ये कोई कंपनी नहीं है हम सब एक परिवार है और ये सारा को नहीं सारा परिवार बोलते थे लेकिन जरा आप सोचो कि इसमें सुब्रत रॉय को फायदा क्या हो रहा था वो तो बस इधर का पैसा उधर और उधर का.

पैसा इधर कर रहे थे तो अब जब सारा के पास दयो लाख से भी ज्यादा डिपॉजिटर्स हो गए थे तो सुब्रत रॉय ने ऐसा दिमाग लगाया जिससे सुब्रत रॉय के पास में लंबे समय तक पैसा रुकने लगा जिन भी इन्वेस्टर्स का 3 महीने का टाइम पीरियड पूरा होने वाला होता था तो वो उन्हें नई स्कीम का लालच देखकर फंसाने लगे सुब्रत रय ने सहरा के एजेंट्स को ट्रेंड किया कि लोगों को ज्यादा पैसा.

कमाने का सपना दिखाओ अगर किसी का 3 महीने का टाइम खत्म होने वाला है तो वह पैसा रिफंड करने के लिए जब आता है तो उससे बोलो कि अगर आप यही पैसा अगले एक साल के लिए हमारी नई स्कीम्स में रिइन्वेस्ट कर दोगे तो उसका पैसा तीन गुना या चार गुना हो जाएगा रिजल्ट भी वही आया लोग एक साल के लिए पैसा इन्वेस्ट करने लगे जिससे सारा के पास में 100 10000 करोड़ रुपए भी रुकने.

लगा सारा कंपनी जब काफी बड़े लेवल पर पहुंच गई तो सुब्रत रॉय ने अपनी कंपनी के बहुत से नियम बनाए उन्होंने बोला कि सारे एंप्लॉयज और एजेंट्स एक दूसरे से सारा प्रणाम करेंगे सारा प्रणाम करने का भी एक तरीका होता था आप अपने राइट चेस्ट पर राइट हैंड रखिए और गुड सहारा बोली है यहां तक कि सारा का जो न्यूज़ चैनल था उनके एंकर्स भी शो की शुरुआत ऐसे ही गुड सहारा बोलते.

हुए करते थे इतना ही नहीं सुब्रत राय खुद को सबसे सारा श्री कवाते थे अब क्योंकि इस वीडियो में बात हो रही है लोंस की और बिजनेस की तो अगर आप एक बिजनेसमैन है तो आपके लिए बहुत ही अच्छी स्कीम लेकर आया जो कि है hdfcfund.com एक्सेप्ट कर सकते हो यूपीआई क्यूआर कोड एसएमएस पे या फिर कार्ड्स जैसे मोड से पेमेंट एक्सेप्ट कर सकते हो पेमेंट.

होने के बाद इंस्टेंट वॉइस नोटिफिकेशन भी आपको मिल जाता है जैसे आपको पता लगता है कि पेमेंट आ चुकी है और अगर आप कैश में पेमेंट लेते हो तो कैश पेमेंट को भी कैश रजिस्टर फीचर से आप रिकॉर्ड और ट्रैक कर सकते हो अब क्योंकि सारे पेमेंट्स जो है आपको एक ही डैशबोर्ड में दिख रहे हैं तो आप उसको देख के रिकन साइल भी कर सकते हो स्मार्ट हब व्यापार में इंस्टेंट लोन का.

ऑप्शन भी है जहां से अलग-अलग तरह के लोस मिलते हैं जो कि आपको कुछ ही स्टेप्स में मिल सकते हैं बिना बैंक के चक्कर लगाए आप अपने प्री अप्रूव्ड अमाउंट को चेक कर सकते हैं और बिजनेस लोंस ओवर ओवरड्राफ्ट और क्रेडिट कार्ड पर लोन बिना डॉक्यूमेंट अपलोड किए ले सकते हैं वो भी 10 सेकंड में आपको मिल जाएगा बिजनेस एक्सपेंसेस में सेविंग भी एक क्रुशल पॉइंट है आप अपने.

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फीचर्स भी इस ऐप में अवेलेबल है जो आपको और भी ज्यादा फ्लेक्सिबल देते हैं अपने बिजनेस को ग्रो करने में तो इंतजार मत करो आज ही डाउनलोड करो hdfc0cpdccb इन्होंने सारा को एक लिस्ट भेजी थी जिसमें कुछ सांसद और विधायकों के भी नाम थे यह जानना चाहते थे कि इन सब ने सारा में कितना अमाउंट डिपॉजिट किया है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को लगता था कि.

इतनी बड़ी सारा कंपनी के पीछे जरूर पॉलिटिशियन का हाथ है ये कंपनी उनके ब्लैक मनी को वाइट करती है प्रशांत जी सिंह के पूछने के बाद में कुछ दिनों तक तो सुब्रत रय खामोश थे लेकिन फिर उन्होंने ऐसा कदम उठाया जिससे बड़े-बड़े लोग भी हिल गए 15 फरवरी 1997 को सारा ने न्यूज़पेपर में एक फुल पेज एडवर्टाइजमेंट छपवा या जिसमें बड़े-बड़े नेताओं का नाम लिखा था तीन.

फॉर्मर प्राइम मिनिस्टर्स अटल बिहारी वाजपेई पीवी नरसीमा राव चंद्रशेखर तीन सेंट्रल मिनिस्टर मुलायम सिंह यादव बेनी प्रसाद वर्मा जनेश्वर मिश्रा कांग्रेस प्रेसिडेंट सीताराम केसरी मनमोहन सिंह गुलाम नबी आजाद ये सब नाम उस पेज पर दिख रहे थे सुब्रत रय ने इन सबका नाम ड्रॉप करके बहुत ही बढ़िया गेम खेला उन्होंने पब्लिश करवाया था कि ये सारे लोग हमारी.

गोल्डन स्कीम्स के डिपॉजिटर्स हैं और पिछले 2 साल में इस स्कीम में 00 करोड़ डिपॉजिट हुए उस दिन सुबह-सुबह ही लखनऊ के इनकम टैक्स ऑफिस से दिल्ली से कॉल आने शुरू हो जाते हैं इवन फाइनेंस मिनिस्टर के ऑफिस से भी कॉल आता है प्रसनजीत सिंह के पास दिल्ली से कुछ ऑफिसर्स भागकर लखनऊ आते हैं यह मामला क्लोज करने के लिए इसके बाद प्रसंत जीी सिंह और उनके बॉस पूनम किशोर.

सक्सेना दोनों को दो महीने की छुट्टी के लिए भेज दिया गया और बाद में उनका लखनऊ से ट्रांसफर रुप हो गया यहां तक तो सुब्रत रॉय की चाल काम आ गई लेकिन अब आगे कुछ नहीं काम आएगा अब चलते हैं 2004 की तरफ जब सुब्रत रॉय ने अपने दोनों बेटों सुशांत रॉय और सीमांत रॉय की शादी के लिए करीब 5552 करोड़ खर्च किए थे इन में बड़े-बड़े सुपरस्टार जैसे कि अमिताभ बच्चन बड़े-बड़े.

बिजनेसमैन जैसे कि अनिल अंबानी बड़े-बड़े पॉलिटिकल लीडर्स जैसे कि मुलायम सिंह यादव और देश के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेई भी मौजूद थे सुब्रत रॉय ने ब्रिटिश सिंफनी ऑर्केस्ट्रा को शादी के ऑर्केस्ट्रा के लिए बुलाया था इतनी बड़ी और महंगी शादी के लिए सुब्रत रय सर्कि हों में आ चुके थे जिसके बाद ये अपने आप को मसीह के रूप में देखना चाहते थे इसलिए.

बेटों की शादी के बाद इन्होंने एक सामूहिक विवाह करवाया था 101 शादियां हुई थी और 15000 लोगों को खाना खिलाया गया था सुब्रत राय की यह दिल की इच्छा इच्छा थी कि इनकी दोस्ती दुनिया के बड़े-बड़े लोगों से हो या दलाई लामा एपीजे अब्दुल कलाम बराक ओबामा सबसे मिल चुके थे और इन सबसे अच्छे संपर्क भी थे सुप्रीत रॉय ने एक बड़ी अच्छी चीज करी थी एलओसी कारगिल के युद्ध.

में जो हमारे जवान शहीद हुए थे इन्होंने उनकी फैमिलीज को टोटल 127 फैमिलीज को फाइनेंसियल सपोर्ट दिया था जिससे देश भर के लोग इनको रिस्पेक्टफुल नजरिए से देखने लगे अब सुब्रत रॉय बहुत ज्यादा अमीर बन चुके थे इन्होंने पूरी मीडिया खरीद रखी थी सारे चैनल्स सारा सारा ही करते थे लेकिन सुब्रत रॉय अभी और पैसा कमाना चाहते थे व सारा का आईपीओ लॉन्च करके इसको और बड़े.

लेवल पर लेके जाना चाहते थे आईपीओ यानी कि इनिशियल पब्लिक ऑफि इसके लॉन्च होने के बाद में कोई भी सारा के शेयर्स खरीदकर सरा में इन्वेस्ट कर सकता है जैसे स्टॉक मार्केट में आप किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट कर पाते हो 30 सितंबर 2009 सरा ग्रुप की एक कंपनी प्राइम सिटी ने आईपीओ के लिए सेबी के पास में डीआरएचपी फाइल की यानी ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस ये.

एक डॉक्यूमेंट होता है जो सेबी को दिया जाता है अगर कोई भी कंपनी अपना आईपीओ लॉन्च करना चाहती है इस डॉक्यूमेंट में कंपनी की शुरुआत से लेकर के प्रेजेंट तक की पूरी कुंडली ली होती है इसी बीच 4 जनवरी 2010 को रोशन लाल नाम का एक आदमी नेशनल हाउसिंग बैंक को हिंदी में एक नोट लिखकर बेचता है यह रोशन लाल इंदौर के रहने वाले थे और पेशे सेे सीए थे इन्होंने अपने.

नोट में अनुरोध किया था कि लखनऊ के सारा ग्रुप की दो कंपनीज पहली सारा इंडिया रियल एस्टेट और दूसरी सारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन इन दोनों कंपनीज ने अपने इश्यूड बंड से बहुत ज्यादा फंड्स रेज किए हैं जो कि रूल्स के अगेंस्ट है लेकिन नेशनल हाउसिंग बैंक के पास में इस तरह के केसेस की इन्वेस्टिगेशन करने की परमिशन नहीं थी इस इसलिए उसने रोशन लाल का.

यह नोट कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी को पास कर दिया एक महीने के बाद अहमदाबाद से भी कुछ ऐसा ही एक और नोट सेबी के पास आता है जिसके बाद सेबी ने सारा ग्रुप का सबमिटेड डीआरएचपी उठाया और उसको एनालाइज करने बैठ गई उस डीआरएचपी में सेबी को भी इन दोनों कंपनीज की फंड रीजिंग में गड़बड़ दिखी कि कैसे ये कंपनीज इतना पैसा कमा पा रही है इस फोटो को देखिए करीब 13 करोड़.

लोगों के ₹ 122000 करोड़ इन छह कंपनीज में फंसे हुए थे और जिन दोनों कंपनीज की बात चल रही है उन दोनों कंपनीज में लगभग 25000 करोड़ फंसे हुए थे सारा ओएफ सडी यानी ऑप्शनली फुली कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए अपने पैसे उठा रही थी ओएफ सडी क्या होता है असल में इसमें कोई भी कंपनी लोगों से एज अ डेट यानी कि उधार पैसे लेती है और बदले में मैच्योरिटी पर उन्हें पैसे वापस.

करती है विद इंटरेस्ट लेकिन ओसीडी के कुछ रूल्स होते हैं अगर कोई कंपनी 50 से कम लोगों से पैसे लेती है तो सिर्फ रजिस्ट्रार से परमिशन लेनी पड़ती है लेकिन अगर वो कंपनी 50 से ज्यादा लोगों से पैसे उठाती है तो उसे सेबी से परमिशन लेनी पड़ती है अब जब सेबी को पता चलता है कि सारा ने ओसीडी के जरिए दो से ढाई करोड़ लोगों से 25000 करोड़ उठाए हैं वो भी बिना.

परमिशन के तो सेबी का पारा हाई होता है और 24 नवंबर 2010 को सेबी ने सुब्रत रॉय को एक नोटिस भेजा जिसमें साफ-साफ लिखा था कि अब सारा ग्रुप पब्लिक से किसी भी तरीके से फंड रेज नहीं कर सकती दिसंबर 2010 में सेबी ने यह मामला अलाहाबाद हाई कोर्ट में भेजा और मांग की कि सेवी को अपने हिसाब से इन्वेस्टिगेशन करने की परमिशन दी जाए लेकिन सुब्रत रॉय की हाई कोर्ट तक भी.

पहुंच थी इसलिए सेबी को वहां से कुछ हासिल नहीं हुआ फिर जनवरी 2011 में सेबी ने सुप्रीम को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां कुछ महीने के इंतजार के बाद उन्हें इन्वेस्टिगेशन करने के लिए परमिशन मिल गई अब सेबी सारा के सारे डिपॉजिटर्स का नाम पूछ सकता था और जो मर्जी आए वो डॉक्यूमेंट मांग सकता था और लीगली ऑर्डर्स भी इशू कर सकता था तो सबसे पहले जून 2011 में सेबी.

ने सारा ग्रुप को ऑर्डर दिया कि आपने अपनी उन दोनों कंपनीज के द्वारा जो भी पैसा उठाया है उसे पब्लिक को रिफंड कर दो इसको देखते हुए जुलाई से अगस्त के बीच में सुप्रीत राय सेट के पास में जाते हैं सेट यानी सिक्योरिटी अपीलेट ट्राइबल ये एक बोर्ड है जो सेबी के ऑर्डर्स के अगेंस्ट की गई अपील को सुनता है और पूरे केस की दोबारा जांच करता है कि ये जो ऑर्डर आया.

है सेबी से वो सही है या नहीं है सुब्रत राय ने सेट से बोला कि उनके खिलाफ की गई सेबी की अपील जो है वो गलत है तो सेट इस मामले की इन्वेस्टिगेशन करना शुरू करता है फिर अक्टूबर 2011 में सेट सारा की इस अपील को बेबुनियाद बताता है और सेबी की रिपोर्ट को कंफर्म करता है कि सेबी जो है वो सही बता रही है सेबी के बहुत वार्निंग्स देने के बाद भी सारा ने कुछ नहीं किया कोई पैसा.

नहीं लौटाया फिर ौ महीने के बाद अगस्त 2012 सुप्रीम कोर्ट गेम में एंटर करती है और और सारा ग्रुप को ऑर्डर देता है कि अपनी इन दोनों कंपनीज का सारा रेज्ड फंड पब्लिक को 90 दिनों के अंदर 15 पर व्याज के साथ में वापस करो ताकि डिपॉजिटर्स को उनका पैसा वापस मिल सके ये 25000 करोड़ से भी ज्यादा अमाउंट था जो सुब्रत रॉय को तीन किस्तों में वापस भारत के इतिहास में.

सुप्रीम कोर्ट की अब तक की ये सबसे बड़ी पेनल्टी थी जो सहारा पर लगाई गई थी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद सारा ने 5120 करोड़ की पहली लिस्ट का पेमेंट तुरंत कर दिया और उसके बाद सुब्रत रॉय ने एक स्टेट स्ट दिया उन्होंने बोला कि 25000 करोड़ का 90 पर अमाउंट सारा ने लोगों को कैश में दे दिया है इतना पैसा तो गवर्नमेंट के पास भी नहीं होगा यह बात ना.

तो सुप्रीम कोर्ट मानने वाला था और ना ही सेबी फिर सन 2013 सुब्रत रॉय ने सेबी की ऑफिस के सामने 127 ट्रक्स खड़े कर दिए इन ट्रक्स में 3166 199 गत्ते थे इन गत्तों में 3 करोड़ से भी ज्यादा एप्लीकेशन फॉर्म्स थे और करीब 2 करोड़ रिडेंपशन वाउचर्स उस दिन मुंबई के बांदरा में बहुत बड़ा जाम लगा हुआ था लोग गाड़ी के हॉन्स बजा रहे थे थे.

लेकिन ये ट्रक्स वही जमे हुए थे ये भी सुब्रत रॉय की बहुत बड़ी चाल थी 5 करोड़ से भी ज्यादा डॉक्यूमेंट सुब्रत रॉय ने सेबी के सामने भेजे थे अगर सेबी इन सारे डॉक्यूमेंट को वेरीफाई करने बैठता तो सालों लग जाते और यह केस कुछ साल और पेंडिंग हो जाता आप सुब्रत रॉय का दिमाग समझ रहे हो सुब्रत रॉय सेबी से ऐसे लड़ रहे हैं जैसे वो उनका पर्सनल दुश्मन हो.

लेकिन सेबी सेबी है वो तुरंत ही इन सारे फॉर्म्स को वेरीफाई करने बैठ जाता है सेबी ने रैंडम ट्रक से 20000 फॉर्म्स निकाले और दिन रात एक करके उसमें से सारे फॉर्म्स को चेक कर डाला इन फॉर्म पर लोगों के नाम और ड्रेसेस मेंशन थे तो सेबी ने 20000 लोगों को एक लेटर नोटिस भेजा काफी सारे फॉर्म्स तो फर्जी थे 20000 में से 8000 नोटिसेज तो ऐसी थी जो सीबी के ऑफिस में वापस आ गई.

क्योंकि वहां एड्रेस पर कोई था नहीं मतलब फॉर्म पर जो नाम है उस नाम का कोई बंदा है ही नहीं 20000 नोटिसेज में से केवल 68 नोटिसेज का रिप्लाई आया फिर इसके बाद में पूरे 3 करोड़ फॉर्म्स की चेकिंग हुई जिसमें से केवल 4600 लोग ही अपना पैसा क्लेम करने के लिए आगे आए इन सब से यह साबित हो गया था कि सुब्रत राय के पास में जो पैसा है ये काला धन है और और सेब को.

गुमराह करने के लिए यह सब फेक ड्रामा था लेकिन अब सवाल ये उठता है कि यार ये इतना सारा पैसा आखिर था किसका क्या ये बड़े-बड़े पॉलिटिशियन का पैसा था अब इसका जवाब तो हमें आज तक नहीं मिला अब डेट आती है 20 फरवरी 2014 पूरे देश के लोगों को झटका लगता है कि अब उनका सहारा में इन्वेस्टेड पैसा डूब चुका है सुबह ही लखनऊ पुलिस सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट के.

ऑर्डर पर हिरासत में ले लेती है 2 साल से भी ज्यादा समय तक सुब्रत रॉय लखनऊ की तिहाड़ जेल में रहे और इन्होंने 1 करोड़ 23 लाख दिए थे जिससे इन्हें जेल के अंदर स्पेशल सर्विस दी जाए मई 2016 में सुब्रत रॉय परोल पर बाहर आ गए थे और उसके बाद में यह अपने अलग कामों में बिजी हो गए थे मध्य प्रदेश के रीवा शहर में एक सहारा से जुड़े एजेंट कहते हैं कि सुब्रत राय अरेस्ट होने.

के बाद भी अलग-अलग स्कीम्स उनके नाम पर 2020 तक चलती रही और कुछ स्कीम्स में तो लोगों को रिफंड भी मिलता रहा सुब्रत राय के पास में इतना पैसा था कि उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे डिस्ट्रिक्ट में एक बेहद खूबसूरत शहर बना दिया था यह शहर 10600 एकड़ में बना हुआ था इन इमेजेस को देखकर आप ये सोच सकते हो कि यार शहर कितना खूब खूबसूरत होगा यहां स्काई डाइविंग.

स्विमिंग बोटिंग ये सब कर सकते हो बस यह महंगा है यहां की केवल एंट्री फीस 20 से 225000 है बाकी होटल्स और एंजॉयमेंट का खर्चा तो लाखों में होगा अगर हम सुब्रत रॉय की नेटवर्थ की बात करें तो इनकी 29000 करोड़ की नेटवर्थ थी सारा ग्रुप की 5000 कंपनीज थी और सहारा के पास भारत में करीब 31000 एकड़ की जमीन थी लखनऊ में जो इनका घर बना हुआ है वो करीब 270 एकड़ में बना.

हुआ है और वो वाइट हाउस की तरह दिखता है लेकिन 25000 करोड़ का जो स्कैम था उसकी पहली किस्त का पेमेंट के बाद में बचा हुआ पेमेंट आज तक नहीं पे हुआ है हालांकि होम मिनिस्टर अमित शाह ने 18 जुलाई 2023 को सारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है आप इस लिंक पर फॉर्म भर के अपना पैसा क्लेम कर सकते हो शायद वापस मिल जाए कुछ पैसा लेकिन जिस इंसान की वजह से सारा डूब गया है उस.

इंसान की ना तो फोटो है ना पता है उस इंसान को ढूंढने की सारा ग्रुप ने बहुत कोशिश की लेकिन वो इंसान नहीं मिला अब पता नहीं रोशन लाल नाम का कोई इंसान था भी या नहीं या फिर यह काम किसी अंदर के आदमी का था या कोई पॉलिटिशियन था या किसी कॉरपोरेट कंपीटीटर का था इसी बात का पता तो सुब्रत रॉय भी लगाना चाहते थे लेकिन वो कर नहीं पाए और अभी हाल ही में आपने सुना होगा 14.

नवंबर 2023 को अभी कुछ ही दिन पहले द बेस्ट इंडस्ट्रियलिस्ट अवार्डेड सुब्रत रॉय की 75 साल की उम्र में हार्ट अटैक से डेथ हो गई है तो ये थी सारा परिवार के पिता सुब्रत रॉय की इनक्रेडिबल कहानी अगर आपको ये वीडियो पसंद आई है तो आपको निकोला टेस्ला के ऊपर जो मैंने वीडियो बनाई है वो भी इसी तरह से हाईली रिसर्च है और आपको यह बहुत ज्यादा पसंद आएगी निकोला टेस्ला के.

अब तक के सारे इंसीडेंट्स ऐसी खोजे जिनके बारे में सुन के आप हैरान हो जाओगे उसके बारे में पूरा जिक्र हुआ है उस वीडियो को आप जरूर देखो आपके स्क्रीन पर ये दिख रही होगी बाकी आप लोग कमेंट्स में अपना प्यार दिखा सकते हो आप लोगों की कमेंट से मेरी पूरी टीम मोटिवेट होती है अगली वीडियो को और अच्छी बनाने के लिए बाकी

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