हेलो एवरीवन अगर आप जेम्स भारत से ट्रैकिंग में थोड़ा भी इंटरेस्ट रखते हो तो आई एम सर क्या दिखे तो हम तो गए होंगे अब कॉन्शियस नहीं का रहे हो या सब कॉन्शियसली आपको भी डेकाथलन का स्टोर जरूर पसंद आया होगा और आप नेक्स्ट टाइम वहां विजिट करना पसंद भी करो और सबसे बड़ी बात है की डेकाथलन ने इंडिया में निक एडीडास और रीबॉक जिसे ब्रांच से हटकर अपने लिए एक.
अलग आईडेंटिटी बनाएंगे और सिर्फ आईडेंटिटी नहीं बनाई बल्कि करेंटली डेकाथलन इंडिया में इन सारे ब्रांड से ज्यादा सेंस कर रहा है पर क्या कभी आपने सोचा की डेकाथलन नहीं इंडियन कस्टमर को इतने अच्छे से कैसे स्टडी किया और कैसे दे दें फू इयर्स ₹150 बोल दिए जबकि डेकाथलन इंडियन नहीं बल्कि फ्रेंच कंपनी सो अगर आप बिजनेस स्टोरी में इंटरेस्ट रखते हो और जानना चाहते हो की.
डेकाथलन के बिजनेस चलने के तरीके में ऐसा क्या अलग है जिससे डेकाथ हो ना पूमा के बाद इंडिया का सेकंड लार्जेस्ट कोड ब्रांड बन गया है और हर साल लगभग 3000 करोड़ से ज्यादा की सेल कर रहा है तो इस वीडियो को और तक देखिए क्योंकि इस वीडियो में मैं आपको समझाऊंगा दी कैप्स ऑन की वो एडवांस स्ट्रैटेजिस जिसकी वजह से डी कैप अपने कंपीटीटर्स से स्टैंड आउट कर पाया और.
इंडिया का सेकंड लार्जेस्ट भारत ब्रांड बना साथ ही साथ वीडियो के और हम डिस्कस करेंगे तीन ऐसे बिजनेस जो आप डेकाथलन की स्टोरी से सिख सकते हो और अगर आप बिजनेस कर रहे हो या इन फ्यूचर बिजनेस करना चाहते हो तो ये लेसन आपके काफी कम ए सकते हैं सो बिना टाइम वेस्ट किया स्टार्ट करते हैं आज की इस वीडियो को डेकाथलन को 1976 में मिशन लीग ने फ्रांस में सेटअप किया था मिशन एक.
भारत फंटा ही इसलिए इन्होंने शुरुआत थी भारत चैकअपमेंट अप्रैल से एसेसरीज बेचे से की डेकाथलन को स्टार्ट करने के पीछे इनका मिशन था भारत को हर किसी के लिए एक एक्सेसिबल बनाना और 45 साल बाद कहता हूं इस मिशन को पूरा करते हुए दिखे रहा है आज वर्ल्ड का लार्जेस्ट भारत रिटेलर है जिसकी 56 कंट्रीज में 200 से भी ज्यादा स्टोर्स है इन स्टोर्स में आपको भारत फेयर रनिंग.
शूज साइकिलिंग और माउंटेन इयररिंग्स जैसे प्रोडक्ट्स इजीली मिल जाएंगे अब बात कर लेते हैं इंडिया में डेकाथलन की ग्रोथ के बड़े में 2009 में डेकाथलन ने बेंगलुरु सिटी में अपना पहले स्टोर खोल करके इंडियन मार्केट में एंट्री ली और यहां से शुरुआत का परपज अपने यूनिक्स भारत प्रोडक्ट्स को इंडिया की डायवर्स कस्टमर बेस तक पहुंचाना था स्टार्टिंग में जो दी के नॉन एस होल.
सेलर कम कर रही थी लेकिन जैसे ही 2013 एफडीए पॉलिसीज लिनन होने लगी तब जाकर डेकाथलन ने इंडिया में अपना रिटेल बिजनेस सेटअप किया अब अगर किसी को नहीं पता की रिटेल बिजनेस क्या होता है तो जब भी कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट से सर्विसेज डायरेक्टली कंज्यूमर तक पहुंचती है तो उसे रिटेल बिजनेस कहते हैं और धीरे-धीरे डेकाथलन ने अपने स्टोर्स मुंबई हैदराबाद.
और चंडीगढ़ जैसे सिटीज में बोले जहां इनको लोगों से काफी अच्छा रिस्पांस मिला इसी पॉइंट पे टाइम में दी क्या उनके सीईओ इंडियन मार्केट को समझ गए थे और इंडिया में बिजनेस को एक्सपेंड करने के लिए उन्होंने 700 करोड़ की इन्वेस्टमेंट की इस इन्वेस्टमेंट का सीधा परपज ये था की डेकाथलन को अगले पांच साल के अंदर इंडिया में 100 से ज्यादा स्टोर्स खोलना थे और.
हुआ भी वही डेकाथलन एक के बाद एक स्रोत होता क्या और आज डेकाथलन के इंडिया में 160 स्टोर्स हैं कस्टमर ने भी डेकाथलन की स्टोर्स को बहुत ज्यादा पसंद किया इसके में रीजन था ये दी के अकाउंट बहुत बड़े-बड़े स्टोर्स खोलना है जनरली ठीक है तो उनके स्टोर्स बाकी ब्रांच के कंपैरिजन में काफी बड़े होते हैं जिनका कारपेट एरिया मिनिमम 4000 स्क्वायर फिट होता है.
बड़े स्टोर्स खोलना का परपज होता है कंट्री इमेज भारत कलर को प्रमोट करना और कस्टमर को इन हाउस भारत एक्सपीरियंस प्रोवाइड करवाना और आप में से कई लोगों ने देखा भी होगा की डेकाथलन के स्टोर्स के अंदर लोग टेबल टेनिस बास्केटबॉल बैडमिंटन क्रिकेट जैसी गेम्स खेलने रहते हैं अब क्वेश्चन ये अराइज होता है की भारत का जो प्रमोट करके डेकाथलन को मिलने वाला था.
लॉन्च भारत कलर को इसलिए प्रमोट करता है क्योंकि उनकी टीम जानती है की इंडियन सेंटर ट्रीटमेंट के नाम पे सिर्फ मूवी मॉल ये रेस्टोरेंट्स ही जाते हैं और ठीक है तो अगर बड़े स्टोर्स खोलना है और भारत कलर को प्रमोट करता है तो लोग भी क्या इतना उनको मॉल का अल्टरनेटिव की तरह देखेंगे और इनके स्टोर्स विजिट करेंगे जिससे डेकाथलन की सेल्स बढ़ेगी और ये इंडिया में अपनी.
स्ट्रांग ब्रांड प्रेजेंस बिल्ड कर पाएंगे एवं ये सच होते हुए भी दिखे रहा है कई लोग अपने बच्चों के साथ डी क्या ऑन एंटरटेनमेंट और फैन के लिए जाते हैं जैसे कार्तिक श्रीनिवासन जो की बेंगलुरु में कम्युनिकेशंस प्रोफेशनल है बताते हैं की वो अपनी फैमिली को हर महीने एटलिस्ट दो बार दे कैथल लेकर जाते हैं दी कैट फॉर्म में काइट्स को एक प्लेफुल और यूनिक.
एनवायरनमेंट मिलता है किड्स दी के काफी एंजॉय करते हैं उनके पास फ्रीडम होती है की वो वहां भारत रिलेटेड आइटम्स के साथ खेल सके उनको ट्राई कर सके और इसी बीच स्टाफ भी किड्स को कभी खेलने से नहीं रॉक आखिर में बताते हैं की उनका परपज कुछ परचेज करने का नहीं होता लेकिन डेकाथलन में इतने ऑप्शंस रहते हैं की हमेशा वह वहां से कुछ ना कुछ परचेज कर कर ही वापस.
आते हैं और भी कहीं ऐसी स्ट्रैटेजिस है जिससे दे केयर लोन अपने स्टोर्स पर ज्यादा कस्टमर लता है और अपनी सेल इंक्रीज करता है और डी फर्स्ट स्ट्रीट्स इस कॉस्ट इफेक्टिव ऑपरेशंस डेकाथलन की ऑपरेशन स्ट्रीट्स काफी यूनिक है उन लाइक देवर कंपीटीटर्स डी कैप फ्रॉम कभी भी महंगी जगह पर अपने स्टोर्स नहीं खोलना दी क्या अपने स्टूडेंट ऐसी जगह पर खोलना है जहां.
रेंटल्स का मुंह जैसे सिटी से दूर ये किसी ऐसे मॉल में जो कम रेंज चार्ज करें जहां एक तरफ होंगे कंपीटीटर्स ब्रांड जिसे निक एडीडास और पूमा सिर्फ क्रिकेट आईटी फुटबॉल की जर्सी और शूज बेचते हैं वहीं दूसरी तरफ 70 भारत के 500 से भी ज्यादा प्रोडक्ट्स अपने स्टोर्स पर बचता है इनकी प्रोडक्ट रेंज इतनी वायर है की आपको रनिंग शूज से लेक माउंटेन रेंज इक्विपमेंट्स इनके.
स्टोर्स पर इजीली मिल जाएंगे बट जानते हो इससे भी ज्यादा इंटरेस्टिंग बात क्या है इतनी बड़ी प्रोडक्ट रेंज होने के बावजूद भी दी क्या मतलब ये प्रोडक्ट्स की डिजाइनिंग से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तब खुद से करता है जिसकी वजह से कॉस्ट कंट्रोल होती है और दी क्या दोनों अपने प्रोडक्ट्स को कंपीटीटर्स से 32-40% लोअर प्राइस पर सेल कर पता है और डी सेकंड स्ट्रैटेजिस दी.
सेंट्रलाइज मॉडल ऑफ बिजनेस इमेजिन करो डेकाथलन का साउथ दिल्ली में एक स्टोर है और साउथ दिल्ली के लोगों को अलग-अलग गेम्स खेलने पसंद है किसी को क्रिकेट पसंद है किसी को साइकिलिंग पसंद है और किसी को स्विमिंग पसंद है मतलब अलग-अलग होगी अलग-अलग निज और प्रेफरेंस है तो अपनी डिसेंट्रलाइज मॉडल क्या है अंदर दी गैप नॉन- अपने मैनेजर को फूल अथॉरिटी दे देगा.
तो डिसाइड ऑन प्राइसिंग स्टॉक और इन्वेंटरी अब आप सोच रहे होंगे की इससे होगा क्या तो चलो ये भी समझ लेते हैं मां लीजिए मैनेजर्स हैव डेली की मार्केट को रिसर्च करता है और उससे पता चला है की साउथ दिल्ली के लोग साइकिलिंग और स्विमिंग को ज्यादा पसंद करते हैं आज कंपेयर तू क्रिकेट अब इस रिसर्च के बेसिस पे स्टोर मैनेजर स्टोर में साइकिलिंग और स्विमिंग.
के प्रोडक्ट्स जैसे हेलमेट गॉगल साइकल्स इट्स सेक्टर वो बेचे में ज्यादा प्रेफरेंस देगा जिससे स्टोर की सेल बड़ी साथ ही साथ मैनेजर के पास प्रोडक्ट्स के प्राइस डिसाइड करने की भी अथॉरिटी होती है जिससे वो अपने आसपास के कंपटीशन को देखकर और लोगों की परचेसिंग पावर को देख कर प्राइस को ऊपर नीचे भी कर सकता है इसके अलावा भी स्टोर मैनेजर के पास इन्वेंटरी मैनेजमेंट.
कर रही है अथॉरिटी होती है जिससे वो फॉलो करता है की जो ज्यादा बिकने वाला आइटम है वो हमेशा स्टोर में अवेलेबल रहे और जो आइटम्स कम बिकते हैं उनको क्लीयरेंस सेल के डिस्काउंट्स के थ्रू बेचा जा सके ओवर ऑलरेडी डिसेंट्रलाइज्ड अप्रोच दी का लो उनको एफिशिएंट बनाने में हेल्प कर दिया और साथ ही साथ लोकल मार्केट के हिसाब से फ्लैक्सिबिलिटी भी देती है और डी थर्ड.
स्ट्रैटेजिस क्लियर टारगेट इन दी कैथ्रेडल जानता है की उनकी कस्टमर कौन है और स्पेसिफिकली उन्हें कस्टमर को टारगेट करता है दी के अप लॉन्च गुड्स रिटेलिंग के बिजनेस में है और इस बिजनेस में सिर्फ कर टाइप का कस्टमर होते हैं डी फर्स्ट सेट ऑफ कस्टमर आर एस्पायर्स इनके पास काफी साड़ी भारत स्किल जो होती है बट इनके पास इक्विपमेंट खरीदने के पैसे नहीं होते ऐसे.
कस्टमर हमेशा अफॉर्डेबल प्रोडक्ट्स या डील्स ढूंढते हैं ताकि वो भारत भी खेल पे और साथ ही साथ डी सेकंड सेट ऑफ कस्टमर आर बिगनर्स इस कैटिगरी में आते से ज्यादा पापुलेशन आई है जिनके पास स्किल भी कम होती है और प्रोडक्ट्स पर पैसे खर्च करने के लिए पैसे भी कम होते हैं ये वो लोग होते हैं जो में लीड भारत वेयर को सिर्फ शौक के लिए पहना हैं ये ऑकेजनली भारत वेयर.
या उससे रिलेटेड प्रोडक्ट्स खरीदने हैं और मेली ऐसे प्रोडक्ट्स पोर्टेबल रेट्स में खरीदना पसंद करते हैं तो थर्ड सेट ऑफ 2009 प्रोफेशनल्स यह वह लोग होते हैं जिनके पास भारत खेलने के लिए स्किल काफी कम होती है लेकिन कोर्ट से जुड़े प्रोडक्ट्स को खरीदने के लिए काफी पैसे होते हैं ये लोग यूजुअली ब्रांडेड प्रोडक्ट्स ही खरीदने हैं और ये प्रोडक्ट्स इनकी लाइफ स्टाइल के.
एक पार्ट होते हैं सिंस भारत नहीं खेलने ना ही उनको फॉलो करते हैं इसलिए भारत वेयर और उनसे जुड़े एसेसरीज को कम रेट्स में ही लेना पसंद करते हैं और लास्टली डी फोर्स सेट ऑफ कस्टमर आर प्रोफेशनल्स या वो लोग होते हैं जिनके पास भारत स्किल 90% लोगों से ज्यादा होती है और अर्निंग भी सफिशिएंट होती है ये लोग ब्रांडेड प्रोडक्ट्स के शौकीन होते हैं वो भारत खेलने के लिए भी.
सिर्फ ब्रांडेड प्रोडक्ट्स ही पहना हैं देखिए ये भी लीव करते हैं की ब्रांडेड प्रोडक्ट्स इनके भारत परफॉर्मेंस को इंक्रीस करेंगे और भारत एसेसरीज भी इनको गेम्स पे एडवांटेज देगी अब जहां की आगे ए दास रिर्पोटेंट तुम मुझे सिर्फ ब्रांड की लड़ाई हायर इनकम यानी प्रोफेशनल्स को टारगेट करने की होती है भाई दूसरी तरफ दी कैप्सूल बिगनर्स और महाउज को कितना कस्टमर.
मानता है बिकॉज़ ऐसे लोग प्रोडक्ट्स खरीदने हुए परफॉर्मेंस और प्राइस के बीच में बैलेंस ढूंढ रहे होते हैं इसीलिए दी कैप्स ऑन क्वालिटी प्रोडक्ट्स को अफॉर्डेबल प्राइसेस में बचता है जिससे वो ऐसी ऑडियंस को टारगेट कर सके अपने क्लियर टारगेटिंग एनर्जी से डिसेंट बिजनेस चलने से और कॉस्ट इफेक्टिव ऑपरेशन मेंटेन करने से दी कैप्स ऑन अपने कंपीटीटर्स से इंडिया.
में स्टैंड आउट कर पाया साथ ही साथ इंडियन कस्टमर को इमरजेंसी एक्सपीरियंस प्रोवाइड करवा के क्वालिटी प्रोडक्ट्स को फर्डेबल रेट्स पर बीच कर और इंडियन पापुलेशन में भारत कलर को प्रमोट करके आज ये इंडिया में सेकंड लार्जेस्ट भारत ब्रांड बन चुके हैं और जैसा की मैंने आपको वीडियो की स्टार्टिंग में बताया था अब बात कर लेते हैं उन तीन बिजनेस लेसंस की जो आप दे गए.
तो उनकी स्टोरी से सिख सकते हो डी फर्स्ट लेसन इस कस्टमर ओरिएंटेड अप्रोच डी गठरो की सक्सेस स्टोरी में कस्टमर सेंटिक अप्रोच का बहुत बड़ा रोल रहा है डेकाथलनिक मल्टी नेशनल कंपनी है फिर भी देश के अलग-अलग एरियाज में कस्टमर के नीड्स और प्रेफरेंस को समझती है तो उनके हिसाब से प्रोडक्ट करता है प्राइसिंग सेट करता है जो की दे कैश ऑन कोई कस्टमर फॉक्स ब्रांड.
बनाता है इसलिए अगर आप भी अपने बिजनेस में कस्टमर को सेटिस्फाइड तो आपके बिजनेस को ग्रा होने से कोई नहीं रॉक सकता और डी सेकंड लेसन इस यू शुड जो गिव अथॉरिटी तू आदर्श दी के दी सेंट्रलाइज मॉडल स्टोर मैनेजर को फूल अथॉरिटी देता है जिससे स्टोर मैनेजर को हायर अथॉरिटी से परमिशन के लिए वेट नहीं करना पड़ता और स्टोर मैनेजर मार्केट कंडीशंस के हिसाब से.
फ्लेक्सिबल डिसीजंस ले सकता है जिससे कंपनी की सेल्स इंक्रीज और कंपनी ज्यादा प्रॉफिट काम पे तो अगर आप भी बिजनेस चलते हो तो बस बनकर मत रहो लोगों को माइक्रो मैनेज करने से बचो उनको अपनी जॉब्स में अथॉरिटी दो ताकि वो डिसीजंस ले पाएं जिससे आपके बिजनेस की एफिशिएंसी बढ़ेगी और आपका टाइम फ्री होगा और डी फाइनल सेशन इस यू शुड एक्सपेंड योर टारगेट मार्केट दी के.
एथलन अपने मिशन के थ्रू लोगों को एजुकेटेड और अवेयर करके अपने टारगेट मार्केट को रेगुलरली इंक्रीज करता राहत है उनका मिशन भारत कलर को प्रमोट करना है और भारत को हर किसी के लिए एक्सेसिबल बनाना है इसके लिए दी कैप्सूल बड़े-बड़े स्टोर्स खोल हैं जहां पर लोग अगर भारत खेल सकते हैं और उससे जुड़े एसेसरीज है इक्विपमेंट्स को उसे भी कर सकते हैं बिकॉज़ दी कैप इस बात.
को अच्छी तरीके से जानता है की जितने ज्यादा लोग भारत खेलेंगे उतने ही ज्यादा लोग डेकाथलन में शॉपिंग के लिए जाएंगे जिससे उनका बिजनेस ब्रो सो अगर आप भी कोई ऐसा बिजनेस करते हो जिसके बड़े में लोग कम जानते हैं पर एग्जांपल स्टॉक मार्केट के म्युचुअल फंड ब्रोकन तो आप भी अपनी ऑडियंस को अवेयर कीजिए एजुकेटेड कीजिए जिससे आपकी टारगेट मार्केट बड़े और आप ज्यादा रनिंग.
कर सको सो आज की वीडियो में इतना ही अगर आपको ये वीडियो इनफॉरमेशन लगी हो तो प्लीज लाइक बटन और डू सब्सक्राइब तू डी चैनल पर बिजनेस रिलेटेड कैसे स्टडीज थैंक यू