अगर मैं आपसे पूछूं कि इंडिया में सबसे बड़ी टायर कंपनी कौन सी है तो आप शायद एमआरएफ या फिर सीएट जैसी टायर कंपनीज का नाम लेंगे जनरली डे टू डे लाइफ में हम इन्हीं कंपनीज के टायर्स को देखते हैं बट क्या आपको यह पता है कि एक टायर कंपनी ऐसी भी है जिसकी ग्लोबल रीच एमआरएफ टायर से भी ज्यादा है 1950 के दशक में जब आजाद भारत में मोबिलिटी की नीड बढ़ी तो महावीर.

प्रसाद पुदार ने 1954 में बाल कृष्णा इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम की एक कंपनी के अंडर बाइसिकल टायर्स बनाने शुरू कर दिए 1987 में जैसे-जैसे मार्केट बदला कंपनी ने भी अपना फोकस बाइसिकल से टू व्हीलर्स और थ्री व्हीलर्स के टायर बनाने पर शिफ्ट कर दिया बट बीकेटी टायर्स की मेंटोस जिंदगी तब शुरू हुई जब 1992 में कंपनी में ऑफ हाईवेज टायर्स यानी कि ओटी के मार्केट का.

पोटेंशियल समझा और बिग एटी टायर्स की तरफ से इस सेगमेंट में भी टायर्स लॉन्च किए जाने लगे इसके 2 साल बाद ही 1994 में कंपनी ने एक बड़ा फैसला लिया और यह फैसला था टू एंड थ्री व्हीलर्स मार्केट से फोकस हटाकर पूरा फोकस ओटी यानी कि ऑफ हाईवे टायर्स सेगमेंट पर शिफ्ट करने का लेकिन इस साल बीकेटी टायर्स ने सिर्फ ओटी मार्केट में एंटर ही नहीं किया बल्कि इस सेगमेंट.

में अपनी ग्लोबल प्रेजेंस बिल्ड करने का प्लान किया और यही इंटरनेशनल फोकस उनकी स्ट्रैटेजी का कोर एस्पेक्ट भी रहा जिसके बारे में हम वीडियो में आगे बात करेंगे उसके बाद इस कंपनी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा लास्ट 10 इयर्स में इनका सेज ग्रोथ 11 पर सीएजीआर और प्रॉफिट ग्रोथ 10 पर सीएजीआर का रहा है अब यह देखकर यह सवाल जरूर आता है कि ऐसा क्या किया इस कंपनी ने.

जो 1950 से 1994 तक कछुए की चाल से ग्रो करने वाली कंपनी ने सडन एक चें से चीते की रफ्तार पकड़ ली इसके पीछे इनकी तीन स्ट्रेटजीजर हैं देखिए जिसमें से फर्स्ट तो यह है कि इन्होंने मार्केट को समझा जहां एक तरफ इंडस्ट्री जायंट्स कार टायर्स के मास प्रोडक्शन में ही लगे हुए थे बीकेटी टायर ने एक अलग सेगमेंट में अच्छा पोटेंशियल देखा और उधर शिफ्ट हो गए ऑफ.

हाईवे टायर्स का मार्केट वाइड रेंज ऑफ टायर्स को कवर करता है जैसे कि ट्रैक्टर्स के टायर्स हार्वेस्टर्स के टायर्स कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट्स फोक लिफ्ट्स पोर मशीनरी और कई सारे व्हीकल्स के टायर्स इस तरह के व्हीकल्स में अलग-अलग तरह के स्पेसिफिक नीड वाले टायर्स चाहिए होते हैं जो हैवी वेट हैंडल कर सकें और डावर्स टैरें पर भी चल सकें इस नीश पर फोकस करके.

इन्होंने कस्टमर्स की नीड को समझा और डिफरेंट ऑपरेशंस वाले व्हीकल्स के लिए डिफरेंट डिजाइंस बनवाए जैसे कि एग्री मैक्स एग्रीकल्चरल मशीनरी के लिए अर्थ मैक्स कंस्ट्रक्शन व्हीकल्स के लिए और आज की तारीख में बीकेटी टायर्स 2700 यानी कि 2700 टाइप्स के टायर्स मैन्युफैक्चर करते हैं इस एक्सटेंसिव प्रोडक्ट लाइन की वजह से ही वो डावर्स कस्टमर बेस को कैटर कर.

पाते हैं दूसरी चीज जिसने बीकेटी टायर्स को इतना ग्रो करने में हेल्प किया वो है जियोग्राफिक बाउंड्रीज के न सोचकर कंपनी को एक ग्लोबल ब्रांड बनाने की प्लानिंग ओटी नीश की इंपॉर्टेंस को रियलाइफ नीड्स को समझा और ग्लोबल मार्केट में एंटर किया और आज फाइव कॉन्टिनेंट्स में लगभग 160 देशों में बीकेटी टायर्स अपने टायर्स सप्लाई करता है यह एक्सपेंशन.

भी इसलिए इतना तेजी से हो पाया क्योंकि इन्होंने यूरोप नॉर्थ अमेरिका और कनाडा जैसे की रीजंस में सब्सिडरी सेटअप करने के साथ शुरुआत की इन सब्सिडियरीज की हेल्प से मार्केट डिस्ट्रीब्यूशन तो बढ़ा ही बट इन देशों के क्रुशल मार्केट्स में कस्टमर्स के बीच ब्रांड अवेयरनेस भी बड़ी जिससे इनकी ग्रोथ और भी तेज हुई अगला है ग्लोबल एक्सपेंशन के अलावा इनकी ग्रोथ का एक और.

रीजन है कस्टमर के साथ एक्टिव इंटरेक्शन देखिए इन्होंने लगातार पोटेंशियल कस्टमर्स की नीड को समझा इसीलिए ग्लोबल एक्सपेंशन के साथ-साथ इन्होंने लगातार डिजिटल मार्केट टूल का यूज़ किया इंफॉर्मेशन कंटेंट क्रिएट करके और टारगेटेड कैंपेन चला करके इन्होंने अपनी रीच को बढ़ाया और अपने टायर की परफॉर्मेंस और रिलायबिलिटी के बारे में यूजर तक इंफॉर्मेशन पहुंचाई.

और नो डाउट इन एफर्ट्स का फायदा भी कंपनी को हुआ और कस्टमर्स के बीच ब्रांड को लेकर ट्रस्ट बिल्ड हुआ बट इन सभी मार्केटिंग टैक्टिक्स के पीछे ग्रोथ का इंजन रही है इनोवेशन और क्वालिटी बीकेटी ने इस बात को बहुत अच्छे से समझा कि अगर उन्हें ओसडी मार्केट में लंबे टाइम तक टिके रहना है तो उन्हें कंटीन्यूअस इनोवेशंस करते रहने होंगे और इसीलिए उन्होंने आर एनडी में.

हैवी इन्वेस्टमेंट्स किए ताकि उनके टायर्स टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट्स के मामले में हमेशा फोरफ्रंट रहे कंपनी की रिसर्च एंड डेवलपमेंट का ही नतीजा है कि इनके एग्र मैक्स v फ्लक्ट टायर्स को तो डीएलजी अप्रूव्ड क्वालिटी मार्क भी मिला हुआ है इस सर्टिफिकेट का मतलब होता है कि टायर्स को परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड्स के लिए रिगर असली टेस्ट किया गया है अभी भी बीकेटी.

अपने टायर्स के लिए नए मटेरियल और मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेसेस डिस्कवर करते रहते हैं ताकि टायर्स की ड्यूरेबल और एफिशिएंसी और एनवायरमेंटल फ्रेंडली इंक्रीज कर सकें इनफैक्ट क्वालिटी कंट्रोल एनहांस करने और क्रुशल ट्रायर कंपोनेंट्स की कंसिस्टेंट सप्लाई बनाए रखने के लिए बीकेटी ने 2017 में अपना खुद का कार्बन प्लांट भी सेटअप किया दोस्तों बीकेटी.

टायर्स की बिज़नेस स्टोरी उन बिजनेसेस के लिए एक वैल्युएबल लेसन है जो कंपटिंग मार्केट में अपनी नीश कवर करना चाहते हैं यह केस स्टडी हमें यह सिखाती है कि स्पेशलाइजेशन और ब्रांड बिल्डिंग पर फोकस करके कॉम्पिटेटिव मार्केट में ग्रो किया जा सकता है अब आप बताइए बीकेटी टायर्स कंपनी की कौन सी बिजनेस स्ट्रेटेजी आपको सबसे अच्छी लगी और अगर आप एमआरएफ टायर्स.

की स्टोरी देखना चाहते हैं तो इस वाले वीडियो को जरूर देखिए

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