यह डब्बा, यह डब्बा और यह डब्बा मिलकर कमाते हैं साल का 70 से 80 करोड़ और यह है मुंबई का सीक्रेट फार्मूला। यह छोटे-छोटे डब्बे लगभग 5000 लोगों की रोजी-रोटी है। हर डब्बे वाला कमाता है 8 से 15,000 और यह एक नहीं तीन जनरेशन से चलता आ रहा है। हर रोज एक दो लाख डब्बास डिलीवरी होते हैं एक जगह से दूसरी जगह। बट कैसे? सेंटर में लिखा हुआ नंबर यह बताता है कि यह डब्बा.

कौन से एरिया में डिलीवर करना है। साइड कोड में पहला नंबर डिलीवरी करने वाले डब्बे वाले को आइडेंटिफाई करता है। उसके बाद तीन लेटर में उस ऑफिस बिल्डिंग का नाम शॉर्ट में लिखा जाता है। जहां डिलीवरी होनी होती है और लास्ट में जो नंबर है वो बिल्डिंग का फ्लोर नंबर है। फाइनली ब्लू कलर का मार्क उस स्टेशन का मार्क है जहां से डब्बा ट्रेन में चढ़ाया जाता है। इस.

कोडिंग के अकॉर्डिंग डब्बों को साथ में अरेंज किया जाता है और ट्रेन में चढ़ाया जाता है। सोचो zomato swiggy हजारों करोड़ की कंपनी है पर अभी तक डब्बे वाले को बीट नहीं कर पाए। क्यों कमेंट करके बताओ और अगर नहीं पता तो टैग कर दो मुंबई वालों को वो बता देंगे।

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