एक अमेरिकन कंपनी ने भारतीय चिप्स कंपनी को जिंदा दफन कर दिया जो हमारे बचपन की यादों से जुड़ी थी 90स में चिप्स मतलब सिर्फ अंकल चिप्स हर स्कूल के बाहर हर नुकड़ पर मिलता था मार्केट शेयर 70 पर से ज्यादा पर 1995 में गेम बदल गया जब पेप्स को ने लेस के साथ एंट्री मारी pepsi-cola और अंकल चिप्स ₹ में बेच रहा था लेज ने शॉप कीपर्स को ₹ में स्टॉक दे.
दिया रिजल्ट अंकल चिप्स का मार्केट शेयर 71 पर से सीधा 35 पर पे क्रैश फिर भी अंकल चिप्स बनाने वाली अमृत एग्रो घुटने नहीं टेक रही थी 2000 में पेपस को ने तीन गुना प्राइस ऑफर करके खरीद लिया और उसकी सप्लाई कम करके मार्केट से हटा दिया उन्होंने सेम चीज बालाजी वेपर के साथ करने की भी कोशिश की लेकिन चंदू भाई विरानी उनके प्लान को चौपट कर दिया याद रखना गंदा है पर धंधा है.